बुधवार, 16 नवंबर 2016

साहित्यश्री-5//9//-सुनिल शर्मा, खम्हरिया

आजतक खेला किए,जो राष्ट्र के सम्मान से जो सदा कुतरा किए ,माँ की चुनर जीजान से देख तड़पन आज उनकी,है मुझे राहत मिली मुस्कुराई भारती मोदी के इस अभियान से
-सुनिल शर्मा, खम्हरिया

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