विषय -नोट का चोट....
जब से बड़े नोटों का चलन बंद हो गया,
बड़े लोगो का सारा महकमा दंग हो गया,
मंजर बदला सबका बदला ढंग हो गया,
लगा नोट का चोट अमीरों की खुमारी पे...
बड़े लोगो का सारा महकमा दंग हो गया,
मंजर बदला सबका बदला ढंग हो गया,
लगा नोट का चोट अमीरों की खुमारी पे...
अर्थव्यवस्था में सुधार,सोच सभी तकलीफे सह रहे हैं,
यही है देश के विकास का आधार सभी कह रहे हैं,
अभी बहुत से काम रुक गये है नोटबंदी से
दिखा नोट का चोट हर काम और दुनियादारी पे....
यही है देश के विकास का आधार सभी कह रहे हैं,
अभी बहुत से काम रुक गये है नोटबंदी से
दिखा नोट का चोट हर काम और दुनियादारी पे....
आज लाचार बैठे है,बड़े बड़े धन्ना सेठ,
कमाने वाले रुपया,गरीब लोगो से ऐंठ,
सन्न है,जमा पूंजी को कागज होते देख,
नोट का चोट पैसो से भरी अलमारी पे...
कमाने वाले रुपया,गरीब लोगो से ऐंठ,
सन्न है,जमा पूंजी को कागज होते देख,
नोट का चोट पैसो से भरी अलमारी पे...
कहाँ से आये है पैसे कभी नही बताते थे,
क्या क्या जतन कर पैसो को छुपाते थे,
सारा रुपया दबाके,कर नही चुकाते थे,
अब नोट का चोट कर की चोरी चकारी पे....
क्या क्या जतन कर पैसो को छुपाते थे,
सारा रुपया दबाके,कर नही चुकाते थे,
अब नोट का चोट कर की चोरी चकारी पे....
बन्द होगी जमाखोरी गलत तरीके का कारोबार,
बन्द होगा नकली नोटों का फलता फुलता व्यापार,
लगेगी लगाम अब तो कालाबाजारी पे
नोट का चोट हर दोगले व्यापारी पे...
बन्द होगा नकली नोटों का फलता फुलता व्यापार,
लगेगी लगाम अब तो कालाबाजारी पे
नोट का चोट हर दोगले व्यापारी पे...
अपनों का गला काटने वाली हर कटारी पे,
हर काम में लेनदेन पैसों की हिस्सेदारी पे,
चन्द रुपयों के लिये ईमान बेचने वालो पे,
नोट का चोट,देश से होने वाली गद्दारी पे....
हर काम में लेनदेन पैसों की हिस्सेदारी पे,
चन्द रुपयों के लिये ईमान बेचने वालो पे,
नोट का चोट,देश से होने वाली गद्दारी पे....
चाहे बड़ा आदमी हो या बड़ा नेता हो,
काम के बहाने जो भी रिश्वत लेता हो,
भ्रष्ट तंत्र का मिटेगा अब तो मायाजाल
नोट का चोट, अब तो हर भ्रष्टाचारी पे....
काम के बहाने जो भी रिश्वत लेता हो,
भ्रष्ट तंत्र का मिटेगा अब तो मायाजाल
नोट का चोट, अब तो हर भ्रष्टाचारी पे....
सारी गतिविधियां देश द्रोह की,
बातें अपने स्वार्थ अपने मोह की,
मिट्टी में दबा पैसा मिट्टी हो जायेगा,
नोट का चोट, आतंकवाद और नक्सलवाद की बीमारी पे...
बातें अपने स्वार्थ अपने मोह की,
मिट्टी में दबा पैसा मिट्टी हो जायेगा,
नोट का चोट, आतंकवाद और नक्सलवाद की बीमारी पे...
रचना
देवेन्द्र कुमार ध्रुव(डी आर)
बेलर
जिला गरियाबंद (छ ग)
देवेन्द्र कुमार ध्रुव(डी आर)
बेलर
जिला गरियाबंद (छ ग)
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