मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

साहित्यश्री-7//2//राजेश कुमार निषाद

आतंकवाद का खात्मा
देखा था आप सब ने कैसा था मुम्बई का हाल।
जनता थी वहाँ की बेबस मची थी बवाल।
कहाँ से आये थे ये आतंकवादी कर रहे थे अपना राज।
घुस गये थे होटल के अंदर उड़ा दिये थे होटल ताज।
सुख चैन छीन गया था उदास हो गये थे मुम्बई वासी।
जिस पर भरोसा किया वही निकला था अविश्वासी।
कही पर बम फट रहे थे कही पर हो रही थी गोलाबारी।
उस दिन मुम्बई वासी मरे एक दिन आयेगी हमारी बारी।
इन आतंकियों को दूर भगाने आये थे वतन के नवजवान।
कितने आतंकियों को मार गिराया और खुद हो गये कुर्बान।
कई ऐसे बेटे थे जिनका था सिर्फ माँ और बाप।
जो था अपने माँ बाप का भविष्य का आस।
ऐसे घटना फिर कभी हमें न आये याद।
प्रण करते है मिटाकर रख देंगे आतंकवाद।
रचनाकार ÷ राजेश कुमार निषाद
ग्राम चपरीद ( समोदा )
9713872983

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